Funny Hindi story
एक बार एक गाँव में एक जाट रहता था, जो
कि पेशे से किसान था | एक बार जाट की जमीन पर गाँव के ही एक आदमी ने मुकदमा दायर
कर दिया | अब तो तारीखों का दौर शुरू हो गया, तारीख पर तारीख लगती रही |
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जाट एक दिन तारीख पर जा रहा था कि रास्ते में एक शिव मंदिर पड़ा | मंदिर देखकर जाट ने वहां प्रार्थना की कि यदि वह मुकदमा जीत गया तो मंदिर के लिए अवश्य ही कुछ दान देगा | प्रार्थना करके जाट कोर्ट चला गया, वहां जाकर पता चला कि कोर्ट ने अगली तारिख दे दी है |
जाट निराश होकर लौट आया किन्तु अगली ही कुछ तारीखों में फैसला उसके हक़ में
आ गया और वह केस जीत गया | केस जीतकर जाट की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा | ख़ुशी में
वह मंदिर में की गयी प्रार्थना को भी भूल गया | बात आई गयी हो गयी |
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कुछ सालों बाद
जाट अपनी भैंसा बुग्गी लेकर उसी मंदिर के रस्स्ते से जा रहा था | जैसे ही रास्ते
में मंदिर दिखाई दिया तो जाट को अपने द्वारा बोले गए दान की याद आई | जाट को अपनी
गलती पर काफी पछतावा हो रहा था कि वह केस भी जीत गया और मंदिर के लिए कुछ दान भी
नहीं किया |
जाट सोचने लगा कि आखिर मंदिर के लिए क्या दान किया जाए ? काफी सोचने
के बाद भी उसे कोई उत्तर नहीं मिला क्योंकि फिलहाल तो उसके पास दान के लिए कुछ था
ही नहीं |
जाट ने सोचा कि समय भी इतना बीत गया और इस बार अगर कुछ दान नहीं किया तो
पता नहीं कब इधर आना हो, ऐसा सोचकर उसने अपने प्रिय भैंसे को मंदिर को दान देने का
सोचा |
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अब मंदिर में न तो कोई पुजारी था, न ही कोई और | जाट ने भैंसे को शिवजी की
मूर्ति से ही बाँध दिया और खुद अपने हाथो से बुग्गी को धकेलता हुआ वहां से चल दिया
|
अब कुछ देर तक तो भैंसा चुप चाप बंधा रहा लेकिन जैसे ही बंधे बंधे काफी वक़्त
बीता तो भैंसे को भूख लगने लगी | अब वहां
भैंसे को खाना देने ले लिए तो कोई था नहीं तो भैंसे ने खुलने के लिए जोर लगाना
शुरू कर दिया |
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अब भैंसे की ताकत के आगे मूर्ति कहाँ टिकने वाली थी, कुछ ही देर
में मूर्ति फर्श से उखड़ गयी | अब भैंसा आगे आगे और उसके रस्से से बंधी भगवान् शिव
की मूर्ति पीछे पीछे घिसट रही थी |
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देवी पार्वती जी ये सब आकाश से देख रही थीं ,
जैसे ही उन्होंने भगवान् शिव की मूर्ति को घिसटते देखा तो वो जोर जोर से हँसने
लगीं, वे दौड़ी दौड़ी भगवान् शिव के पास गयी और उन्हें वो दृश्य दिखाते हुए जोर जोर
से हँसकर भगवान शिव का उपहास करने लगीं |
हँसते हुए पार्वती जी कहने लगीं – प्रभु ! ये देखो आपके साथ
क्या हो रहा है ये ?
भगवान् शिव सहजता से बोले – देवी ! अभी आपने ब्राह्मणों और वैश्यों की ही पूजा देखी है, किसी जाट से आपका पाला नहीं पड़ा | जिस दिन किसी जाट
से पाला पड़ जायेगा तो आपको भी समझ आ जायेगा कि जाट की पूजा कैसी होती है | ***
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