Hindi moral story for kids
एक बार की बात है, एक चील थी जिसने एक पेड़ पर अपना घोंसला बनाया हुआ था | घोंसले में चील के अंडे भी रखे हुए थे |
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जिस पेड़ पर चील के अंडे रखे थे, उसी पेड़ के नीचे एक मुर्गी भी रहा करती थी और उसके अंडे भी वहां रखे हुए थे |
एक दिन बहुत तेज़ तूफ़ान आया और पेड़ से चील का एक अंडा मुर्गी के अण्डों के पास गिर गया | घासफूस होने के कारण अंडा टूटने से बच गया और सुरक्षित मुर्गी के अण्डों के पास गिर गया |
मुर्गी ने जब अंडे को अपने अण्डों के पास देखा तो उसने सोचा कि यह उसका ही अंडा है और बाकी अण्डों के साथ साथ उसकी भी देखभाल करना शुरू कर दिया |
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दूसरी तरफ चील अपने एक अंडे को वहां न देखकर चिंतित हुई और उसने सोचा कि शायद कोई जानवर उसका एक अंडा ले गया या फिर उसे खा लिया | अतः डर के कारण चील अपने बाकी अण्डों को वहां से कहीं और दूसरे सुरक्षित स्थान पर ले गयी |
इधर कुछ समय बाद मुर्गी के सभी अण्डों में से चूजे निकल आये, चील के अंडे में से भी चील का बच्चा (चूजा) निकल आया | अब चील का बच्चा भी बाकी चूजों की तरह मुर्गी को ही अपनी माँ समझने लगा और मुर्गी भी चील के बच्चे को अपना बच्चा (चूजा) समझने लगीं |
अब जैसे बाकी चूजे हरकतें करते तो उन्हें देखकर चील का बच्चा भी ऐसी ही हरकतें करता |
Hindi moral story for kids
ऐसे ही समय बीता और छोटे चूजे धीरे धीरे बड़े होने लगे | मुर्गी के बच्चे जैसे उड़ते, चील का बच्चा भी उसी तरह उड़ता | अब मुर्गी के बच्चे तो ज्यादा ऊँचा नहीं उड़ सकते थे तो उन्हें देखकर चील का बच्चा भी उतना ही उड़ता |
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जैसे मुर्गी के बच्चे घुमते फिरते या खाना खाते, उसी तरह ही चील का बच्चा भी खाना खाता | न तो चील का बच्चा ज्यादा ऊँचा उड़ने का प्रयास करता और न ही कुछ और अलग करने का |
एक दिन चील के बच्चे ने आकाश में एक चील को उड़ते हुए देखा और मुर्गी से पूछा – माँ ! यह क्या है ? और यह इतना ऊँचा कैसे उड़ लेता है ? हम इतना ऊँचा क्यों नहीं उड़ सकते ?
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मुर्गी ने जवाब दिया – यह चील है इसलिए इतना ऊँचा उड़ सकती है और हम मुर्गे इतने ऊँचा नहीं उड़ सकते, इसलिए इनके जैसा करने की कोशिश मत करना नहीं तो किसी दिन अपने पंजे तुड़वा बैठोगे |
मुर्गी की बात सुनकर चील के बच्चे ने कभी ऊँचा उड़ने का प्रयास नहीं किया | चील के बच्चे ने पूरी जिंदगी मुर्गों की तरह ही व्यवहार किया, वह हमेशा मुर्गों की तरह ही जिंदगी जिया और मुर्गों की तरह ही एक दिन मर गया |
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इस कहानी से दो शिक्षाएं मिलती हैं – 1. चाहे कोई भी क्यों न हो, उस पर संगत का असर जरूर पड़ता है इसलिए जीवन में संगत का अच्छा होना आवश्यक है |
2. कभी कभी हम दूसरों की बातों को मानकर अपनी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाते, इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें | ***
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